logo
अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
وَالضُّحَىٰ |1|93
साक्षी है चढ़ता दिन, 
وَاللَّيْلِ إِذَا سَجَىٰ |2|93
और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए।
مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلَىٰ |3|93
 तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ। 
وَلَلْآخِرَةُ خَيْرٌ لَّكَ مِنَ الْأُولَىٰ |4|93
और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है। 
وَلَسَوْفَ يُعْطِيكَ رَبُّكَ فَتَرْضَىٰ |5|93
  और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे।
أَلَمْ يَجِدْكَ يَتِيمًا فَآوَىٰ |6|93
  क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया? 
وَوَجَدَكَ ضَالًّا فَهَدَىٰ |7|93
और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया?
وَوَجَدَكَ عَائِلًا فَأَغْنَىٰ |8|93
और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया?
فَأَمَّا الْيَتِيمَ فَلَا تَقْهَرْ |9|93
अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना, 
وَأَمَّا السَّائِلَ فَلَا تَنْهَرْ |10|93
और जो माँगता हो उसे न झिड़कना,
وَأَمَّا بِنِعْمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثْ |11|93
  और जो तुम्हारे रब की अनुकम्पा है, उसे बयान करते रहो।