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अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
وَالتِّينِ وَالزَّيْتُونِ |1|95
साक्षी हैं तीन और ज़ैतून
وَطُورِ سِينِينَ |2|95
और तूरे-सीनीन,
وَهَٰذَا الْبَلَدِ الْأَمِينِ |3|95
  और यह शान्तिपूर्ण भूमि (मक्का)।
لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنسَانَ فِي أَحْسَنِ تَقْوِيمٍ |4|95
निस्संदेह हमने मनुष्य को सर्वोत्तम संरचना के साथ पैदा किया।
ثُمَّ رَدَدْنَاهُ أَسْفَلَ سَافِلِينَ |5|95
फिर हमने उसे निकृष्टतम दशा की ओर लौटा दिया, जबकि वह स्वयं गिरनेवाला बना
إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ أَجْرٌ غَيْرُ مَمْنُونٍ |6|95
 सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे कर्म किए, तो उनके लिए कभी न समाप्त होनेवाला बदला है। 
فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّينِ |7|95
 अब इसके बाद क्या है, जो बदले के विषय में तुम्हें झुठलाए?
أَلَيْسَ اللَّهُ بِأَحْكَمِ الْحَاكِمِينَ |8|95
 क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं है?