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अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
إِذَا السَّمَاءُ انفَطَرَتْ |1|82
 जबकि आकाश फट जाएगा,
وَإِذَا الْكَوَاكِبُ انتَثَرَتْ |2|82
और जबकि तारे बिखर जाएँगे,
وَإِذَا الْبِحَارُ فُجِّرَتْ |3|82
और जबकि समुद्र बह पड़ेंगे,
وَإِذَا الْقُبُورُ بُعْثِرَتْ |4|82
और जबकि क़ब्रें उखेड़ दी जाएँगी।
عَلِمَتْ نَفْسٌ مَّا قَدَّمَتْ وَأَخَّرَتْ |5|82
तब हर व्यक्ति जान लेगा जिसे उसने प्राथमिकता दी और पीछे डाला।
يَا أَيُّهَا الْإِنسَانُ مَا غَرَّكَ بِرَبِّكَ الْكَرِيمِ |6|82
ऐ मनुष्य! किस चीज़ ने तुझे अपने उदार प्रभु के विषय में धोखे में डाल रखा है?
الَّذِي خَلَقَكَ فَسَوَّاكَ فَعَدَلَكَ |7|82
जिसने तेरा प्रारूप बनाया, फिर नख-शिख से तुझे दुरुस्त किया और तुझे संतुलन प्रदान किया।
فِي أَيِّ صُورَةٍ مَّا شَاءَ رَكَّبَكَ |8|82
  जिस रूप में चाहा उसने तुझे जोड़कर तैयार किया।
كَلَّا بَلْ تُكَذِّبُونَ بِالدِّينِ |9|82
कुछ नहीं, बल्कि तुम बदला दिए जाने को झुठलाते हो।
وَإِنَّ عَلَيْكُمْ لَحَافِظِينَ |10|82
  जबकि तुमपर निगरानी करनेवाले नियुक्त हैं।
كِرَامًا كَاتِبِينَ |11|82
प्रतिष्ठित लिपिक,
يَعْلَمُونَ مَا تَفْعَلُونَ |12|82
  वे जान रहे होते हैं जो कुछ भी तुम करते हो।
إِنَّ الْأَبْرَارَ لَفِي نَعِيمٍ |13|82
निस्संदेह वफ़ादार लोग नेमतों में होंगे।
وَإِنَّ الْفُجَّارَ لَفِي جَحِيمٍ |14|82
और निश्चय ही दुराचारी भड़कती हुई आग में
يَصْلَوْنَهَا يَوْمَ الدِّينِ |15|82
जिसमें वे बदले के दिन प्रवेश करेंगे,
وَمَا هُمْ عَنْهَا بِغَائِبِينَ |16|82
और उससे वे ओझल नहीं होंगे।
وَمَا أَدْرَاكَ مَا يَوْمُ الدِّينِ |17|82
और तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
ثُمَّ مَا أَدْرَاكَ مَا يَوْمُ الدِّينِ |18|82
  फिर तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
يَوْمَ لَا تَمْلِكُ نَفْسٌ لِّنَفْسٍ شَيْئًا ۖ وَالْأَمْرُ يَوْمَئِذٍ لِّلَّهِ |19|82
  जिस दिन कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के लिए किसी चीज़ का अधिकारी न होगा, मामला उस दिन अल्लाह ही के हाथ में होगा